International Journal of Contemporary Research In Multidisciplinary, 2025;4(1):06-12
मशरूम का दैनिक जीवन में उपयोग
Author Name: डॉ. ओम प्रकाश;
Paper Type: review paper
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Abstract:
मशरूम विटामिन ‘डी‘ का अच्छा स्त्रोत है मशरूम बारिश के दिन में अधिक मिलता है। यह सब्जी के लिये उपयोग में लिया जाता है। मशरूम से हडियों को मजबूती मिलती है। मशरूम में कई प्रकार के विटामिन, कार्बोंहाईड्रेट, प्रोटीन तथा कैल्शियम, फास्फोरस, लोहा, ताँबा, पोटेशियम तथा खनिज लवण पाये जाते है। मशरूम की खेती घर के अन्दर करने योग्य एक लघु उद्योग है और इसे छोटे एवं भूमिहीन किसानों के लिये उपयुक्त व्यवसाय है। मशरूम से अचार चटनी, डिब्बाबंदी औषधी आदि अधिक गुणवता वाली वस्तुएं तैयार की जाती है। मशरूम उत्पादन घर के अन्दर करने वाली पर्यावरण के अनुकूल अधिक आय, और पोषणयुक्त फसल है। मशरूम एक स्वास्थयवर्धक, शाकाहारी, पौष्टिक एवं औषधीय गुणों से भरपूर आहार है। जो सभी के लिए लाभदायक है। मशरूम में प्रोटीन विटामिन व खनिज लवण पर्याप्त मात्रा में पाय जातें है। मशरूम कम कैलारी देने वाला भोजन है अतः मोटापे से ग्रसित लोगों के लिए एक उत्तम आहार है। मशरूम में कोलेस्ट्रोल बिलकुल नही होता है अपितु इगेस्ट्रोल होता है। जो कि शरीर द्वारा विटामिन ‘डी‘ में परिवर्तिन हो जाता है। इसलिये यह हद्य रोगियों के लिए एक अच्छा भोजन है। कृषि और मशरूम की खेती को पर्यावरण के अनुकूल माना गया है जिससे उद्योगो का दीद्र्यकालीन शैक्षिक लक्षय होना चाहिए।
पर्यावरणविदों नगरपालिका, नगर निगम, सरकारों और समुदायों को मशरूम के खेतों का निपटान एजेंट के रूप में करना चाहिए। शोधकर्ताओं को मशरूम खाद के लिए कृषि और औधोगिक अपशिष्ट उत्पादों के परीक्षण और उपयोग में अधिक रूचि लेनी चाहिए। वर्तमान समय में मशरूम की खेती हमारे देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाली एक महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि बन गई है। शुष्क प्रदेश में किसानों के पास एक अच्छा विकल्प है जो मशरूम की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते है। वर्तमान में जिस तरह से इसकी मांग बढ़ रही है मशरूम के साथ साथ पशुपालन, मत्स्य पालन, जैविक खेती भी कर सकते है।
Keywords:
मशरूम, कुकुरमुत्ता, क्लोरोफिल, स्पाॅन, बटन, मशरूम, कोलेस्ट्रोल, छत्रक
How to Cite this Article:
डॉ. ओम प्रकाश. मशरूम का दैनिक जीवन में उपयोग. International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary. 2025: 4(1):06-12
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