International Journal of Contemporary Research In Multidisciplinary, 2025;4(6):259-263
कोर्ट-संदर्भित पारिवारिक विवादों में मध्यस्थता की सफलता
Author Name: कुसुम लता शर्मा; डॉ. सुशीम शुक्ला;
Paper Type: review paper
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Abstract:
भारत में पारिवारिक विवादों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिनमें वैवाहिक कलह, तलाक, घरेलू हिंसा, भरण-पोषण, बाल संरक्षण, संपत्ति विभाजन तथा अन्य घरेलू मुद्दे प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन मामलों की बढ़ती संख्या के कारण न्यायालयों पर अत्यधिक दबाव बढ़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप त्वरित न्याय प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण बन गया है। पारिवारिक मामलों की भावनात्मक जटिलता को देखते हुए पारंपरिक न्यायिक प्रक्रिया कई बार समय-साध्य होने के साथ-साथ पारिवारिक संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव भी डालती है।
ऐसे परिदृश्य में वैकल्पिक विवाद समाधान (ADR), विशेषकर मध्यस्थता, एक अधिक प्रभावी, संवेदनशील और परिणाम-केंद्रित विकल्प के रूप में उभरा है। मध्यस्थता एक ऐसी संवाद-आधारित प्रक्रिया है जिसमें एक निष्पक्ष मध्यस्थ दोनों पक्षों को बातचीत, समझ, सहयोग और समाधान की दिशा में मार्गदर्शन करता है। कोर्ट-संदर्भित मध्यस्थता विशेष रूप से उन मामलों में उपयोगी सिद्ध हुई है जहाँ न्यायालय सीधे हस्तक्षेप करने के बजाय पक्षकारों को सौहार्दपूर्ण समाधान की दिशा में प्रेरित करता है।
यह शोध पत्र कोर्ट-संदर्भित पारिवारिक विवादों में मध्यस्थता की सफलता दर, उसकी प्रक्रिया, व्यावहारिक चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं का व्यापक मूल्यांकन प्रस्तुत करता है। अध्ययन से स्पष्ट होता है कि मध्यस्थता न केवल न्यायिक बोझ कम करती है, बल्कि पक्षकारों के समय, धन और मानसिक ऊर्जा की बचत भी करती है। इसके साथ ही यह प्रक्रिया संबंधों में सुधार, पारिवारिक सामंजस्य की पुनर्स्थापना और भावनात्मक संतुलन बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
भारत में विभिन्न न्यायालयों की रिपोर्टों और मध्यस्थता केंद्रों के आँकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि पारिवारिक विवादों के समाधान में मध्यस्थता की सफलता दर पारंपरिक न्याय प्रक्रिया की तुलना में कहीं अधिक संतोषजनक है। इसमें मानव संवेदना, संवाद की शक्ति और सामंजस्य स्थापित करने की क्षमता प्रमुख भूमिका निभाती है। इसलिए कहा जा सकता है कि मध्यस्थता न केवल विवाद का अंत करती है, बल्कि पारिवारिक संबंधों में नई शुरुआत का अवसर भी प्रदान करती है।
Keywords:
पारिवारिक विवाद, मध्यस्थता, कोर्ट-संदर्भित मध्यस्थता, वैकल्पिक विवाद समाधान (ADR), न्यायिक बोझ, त्वरित न्याय, परामर्श, वैवाहिक सामंजस्य, मध्यस्थता की सफलता दर।
How to Cite this Article:
कुसुम लता शर्मा,डॉ. सुशीम शुक्ला. कोर्ट-संदर्भित पारिवारिक विवादों में मध्यस्थता की सफलता. International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary. 2025: 4(6):259-263
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