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International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary

International Journal of Contemporary Research In Multidisciplinary, 2023;2(6):60-63

हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत का सुरक्षा उत्तरदायित्वः एक मूल्यांकन

Author Name: सुनील कुमार तिवारी

Paper Type: review paper
Article Information
Paper Received on: 2023-10-23
Paper Accepted on: 2023-12-02
Paper Published on: 2023-12-12
Abstract:

सम्पूर्ण विश्व एक मूल-भूत परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, तथा इसके साथ ही बदल रहा है विश्व का शब्द कोश, जिसमें आवश्यकता एवं महत्ता के आधार पर एक शब्द है ‘इंडो-पैसिफिक‘ जिसने विगत कुछ वर्षों में विश्व की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं की भू-रणनीति को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान समय में विश्व के कई देशों ने अपने-2 अधिकारपत्र में आवश्यकतानुसार विवरण तैयार कर रहे हैं। भौगोलिक तौर पर हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के कुछ भागों को मिलाकर समुद्र का जो हिस्सा बनता है, उसे हिंद-प्रशांत ;प्दकव.च्ंबपपिब ।तमंद्ध के नाम से जाना जाता है।
    हिंद और प्रशांत महासागर की बढ़ती अहमियत ने ‘हिंद-प्रशांत‘ क्षेत्र को एक भू-रणनीतिक आयाम के रूप में नई गति है, यही कारण है, कि 21वीं सदी के अधिकतम समय के लिए यह क्षेत्र वैश्विक राजनीति के स्वरूपों को आकार देगा जहां विश्व की महान शक्तियों के बीच (संयुक्त राज्य अमेरिका (यू० एस०) और चीन) प्रतिस्पर्धा जारी है, तथा दुनिया की कुछ सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी नजर आती है। चीन की संदिग्ध नीतियां और आक्रामक विस्तारवादी प्रवृत्तियां जिसके चलते हिंद-प्रशांत क्षेत्र से जुड़े लगभग सभी देशों के हित बाधित हो रहे हैं, जिसे देखते हुए अमेरिका, आस्ट्रेलिया जापान, ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन जैसी विश्व की सभी प्रमुख शक्तियां हिंद-प्रशांत क्षेत्र को अपनी विदेश, रक्षा और सुरक्षा नीतियों का केंद्र बना रही है। ऐसे में इस क्षेत्र की बढ़ती अहमियत को समझा जा सकता है। दो महासागर को जोड़ने वाले 10 आसियान देश ‘‘समावेशिता, खुलापन आसियान केंद्रीयता और एकता‘‘ का सार बसता है। इस क्षेत्र का भौगोलिक दायरा अफ्रीका के पूर्वी किनारे से लेकर ओसियानिया तक जिसके साथ पैसिफिक द्वीप के देश भी जुड़े हैं। भारत इंडो ओसन रिम एसोसिएशन (प्व्त्।), ईस्ट एशिया समिट, आसियान डिफेंस मिनिस्टर्स मीटिंग प्लस, आसियान रीजनल फोरम बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कॉरिडोर जैसी व्यवस्थाओं में सक्रिय भागीदार रहा है, इसके अतिरिक्त भारत इंडियन नेवल सिम्पोजियम का भी आयोजक है, फोरम फॉर इंडिया-पॅसिफिक आइलैंड्स को-ऑपरेशन (थ्प्च्ब्) के जरिए भारत पैसिफिक दीप के मुल्कों के साथ भी साझेदारी बढ़ाने की कोशिशों में जुटा हुआ है।
 

Keywords:

आसियान, IORA, हिंद-प्रशांत क्षेत्र, इंडो-पैसिफिक, Sting of Pearls

How to Cite this Article:

सुनील कुमार तिवारी. हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत का सुरक्षा उत्तरदायित्वः एक मूल्यांकन. International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary. 2023: 2(6):60-63


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