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International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary
ISSN: 2583-7397
Open Access • Peer Reviewed
Impact Factor: 5.67

International Journal of Contemporary Research In Multidisciplinary, 2025;4(1):221-226

COVID-19 महामारी और किशोर अपराध में वृद्धि एक आपदा आधारित विश्लेषण

Author Name: विजय कुमार वर्मा;   प्रो. (डॉ.) सुशील कुमार सिंह;  

1. रिसर्च स्कॉलर, तीर्थंकर महावीर कॉलेज ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज, टी.एम.यू., मुरादाबाद

2. प्राचार्य, तीर्थंकर महावीर कॉलेज ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज, टी.एम.यू., मुरादाबाद

Paper Type: research paper
Article Information
Paper Received on: 2025-01-22
Paper Accepted on: 2025-02-13
Paper Published on: 2025-02-27
Abstract:

किशोर अपराध आज भारतीय समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। इसका उद्भव केवल किशोरों की मानसिक प्रवृत्तियों से नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक असमानताओं से भी गहराई से जुड़ा हुआ है। यह अध्ययन विशेष रूप से इस बिंदु की ओर संकेत करता है कि गरीबी, बेरोजगारी, शिक्षा का अभाव, पारिवारिक विघटन, नगरीय झुग्गियाँ, और सामाजिक उपेक्षा जैसे कारक किशोरों को अपराध की ओर कैसे ले जाते हैं।
भारत जैसे विकासशील देश में आर्थिक विषमता, सामाजिक उपेक्षा, तथा संसाधनों की अनुपलब्धता किशोरों को अपराध के मार्ग पर धकेलने में सहायक सिद्ध हो रही है। पारिवारिक अस्थिरता जैसे माता-पिता के बीच कलह, तलाक, नशे की लत, और बाल संरक्षण की कमी किशोरों की मानसिक स्थिति को अस्थिर बना देती है। परिणामस्वरूप, वे संगठित अपराध, चोरी, लूट, यौन अपराध, या ड्रग्स तस्करी जैसी गतिविधियों में संलग्न हो जाते हैं।
अध्ययन में यह स्पष्ट होता है कि सामाजिक रूप से पिछड़े समुदायों में किशोर अपराध का प्रतिशत अपेक्षाकृत अधिक है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट (2020–2024) और यूनिसेफ रिपोर्ट्स इस प्रवृत्ति की पुष्टि करते हैं। उदाहरण के लिए, NCRB डेटा दर्शाता है कि भारत में किशोर अपराधियों की सबसे बड़ी संख्या आर्थिक रूप से वंचित वर्गों से आती है।

इस समस्या के समाधान हेतु आवश्यक है कि—
1.    समावेशी शिक्षा नीति लागू की जाए,
2.    सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया जाए,
3.    कौशल विकास एवं रोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएं,
4.    तथा किशोरों के लिए परामर्श केंद्र और पुनर्वास योजनाएं तैयार की जाएं।
इस प्रकार, किशोर अपराध की समस्या का समाधान केवल दंडात्मक दृष्टिकोण से संभव नहीं है, बल्कि इसके लिए सामाजिक-आर्थिक नीतियों के व्यापक पुनरावलोकन और न्यायसंगत क्रियान्वयन की आवश्यकता है।
 

Keywords:

सामाजिक-आर्थिक कारक, गरीबी, बेरोज़गारी, शिक्षा का अभाव, पारिवारिक विघटन, सामाजिक असमानता, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, किशोर न्याय प्रणाली, पुनर्वास, समावेशी विकास

How to Cite this Article:

विजय कुमार वर्मा,प्रो. (डॉ.) सुशील कुमार सिंह. COVID-19 महामारी और किशोर अपराध में वृद्धि एक आपदा आधारित विश्लेषण. International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary. 2025: 4(1):221-226


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