#

International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary

International Journal of Contemporary Research In Multidisciplinary, 2023;2(5):62-65

भूमंडलीकरण के दौर में उत्तर-औपनिवेशिक राज्य

Author Name: . नरेंद्र सीमतवाल, , महेन्द्र कुमार वर्मा

Paper Type: review paper
Article Information
Paper Received on:
Paper Accepted on:
Paper Published on:
Abstract:

यह शोध पत्र मुख्यतः इस पत्र पर केंद्रित है कि उपनिवेशवाद में औपनिवेशिक राज्यों के निर्माण और कामकाज को कैसे प्रभावित किया ? राज्य के उत्तर औपनिवेशिक शासन के परिणाम ने राज्यों की राजनीति, समाज, संरचनाओं को कैसे प्रभावित किया? सांस्कृतिक, साम्राज्यवाद और आर्थिक शोषण अभी भी औपनिवेशिक समाज को प्रभावित करते हैं  । वैश्वीकरण के दौर में राष्ट्र-राज्य की अवधारणा समित हो रही है या राज्य का स्वरूप अग्रगामी हो रहा है या पच्छ गामी  । अध्ययन का मुख्य उद्देश्य है भूमंडलीकरण की प्रक्रिया में उत्तर-औपनिवेशिक राज्यों की भूमिका और प्रभाव का विश्लेषण करना । इस अध्ययन में क्षेत्रीय और ग्लोबल स्तर पर भूमंडलीकरण के प्रकार, प्रक्रिया, और परिणामों को विस्तृत रूप से विश्लेषित किया जाएगा । अंततः, इस शोध का उद्देश्य है उत्तर-औपनिवेशिक राज्यों के भूमंडलीकरण में सुधार के लिए नीतिगत सिफारिशें प्रस्तुत करना  ।

Keywords:

उपनिवेश, साम्राज्य, राष्ट्र, भूमंडलीकरण, प्रकृति, शोषण, प्रौद्योगिकी, विरासत प्रभुसत्ता, परिधि, नीतियाँ, गरीबी, उत्पादन, राजनीतिक प्रवृत्तियाँ, उत्पादक संरचना, आर्थिक विकास, सामाजिक असमानता, क्षेत्रीय, वैश्विक स्तर, नीतिगत सिद्धांत ।

How to Cite this Article:

. नरेंद्र सीमतवाल, , महेन्द्र कुमार वर्मा. भूमंडलीकरण के दौर में उत्तर-औपनिवेशिक राज्य. International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary. 2023: 2(5):62-65


Download PDF