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International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary

International Journal of Contemporary Research In Multidisciplinary, 2025;4(3):213-215

भारतीय लोकतंत्र में लोक सेवाओं की भूमिका का विश्लेषणात्मक अध्ययन

Author Name: डॉ. रामदीन कड़ेला;  

1. प्राचार्य, श्री आई जी महाविद्यालय, बिलाड़ा, जोधपुर, राजस्थान, भारत

Abstract

लोक सेवा का आशय सामान्य रूप से सरकारी सेवकों के ऐसे समूह अथवा वर्ग से होता है जो राजनीतिक कार्यों से पृथक रहते हुए राज्य के दीवानी मामलों का प्रबंध करते है। आधुनिक युग में लोक सेवा सरकार के नियंत्रण तथा संरक्षण में कार्यरत वे सेवीवर्ग है जो शासन की नीतियों, कार्यक्रमों तथा विधियों के क्रियान्वयन में संलग्न है ताकि राज्य विकास कर सकें। भारतीय शासन सरंचना का एक बुनियादी तत्त्व निष्पक्ष, कुशल और निर्भिक लोक सेवा है जो कार्यपालिका का महत्त्वपूर्ण भाग होती है। भारत जैसे देश में, जो कि एक लोकतांत्रिक कल्याणकारी राज्य है, लोक सेवा की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। प्रभावी और सक्षम संस्था एक सफल शासन व्यवस्था की जरूरत है।

Keywords

लोक सेवा, भारतीय प्रशासन, नौकर शाही, परिवर्तन, अधिकारी तंत्र