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International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary

International Journal of Contemporary Research In Multidisciplinary, 2024;3(1):188-193

कामायनी का प्रतिपाद्य: जीवन दर्शन एवं मूल्य

Author Name: डॉ. विजय आनन्द मिश्र

Abstract

इस शोध पत्र में, प्रसिद्ध हिंदी कवि जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित महाकाव्य कामायनी में संग्रहित दार्शनिक और नैतिक आयामों की खोज की गई हैं । कामायनी के माध्यम से प्रसाद, विद्यमान मौजूदा और नैतिक दृष्टिकोणों का अध्ययन करते हैं, जो जीवन, मानव मूल्यों, और सामाजिक नियमों की गहराई में छिपे हैं। कामायनी के विषयों, पात्रों, और प्रतीकात्मक तत्वों के विस्तृत विश्लेषण के माध्यम से, यह अध्ययन कामायनी में संगृहीत दार्शनिक विचारों और नैतिक शिक्षाओं के जटिल स्तरों को उन्मुख करने का प्रयास करता है । यह अध्ययन समकालीन समाज में इसके महत्व और इसके स्थायी साहित्यिक महत्व का अध्ययन करके, कामायनी द्वारा प्रदान की गई गहरी दार्शनिक और नैतिक सीखों को समझने में मूल्यवान अंशों को प्रस्तुत करता है ।

Keywords

कामायनी, जयशंकर प्रसाद, हिंदी कविता, प्रेम, भक्ति, समाज, धार्मिकता, संस्कृति, दर्शन, मूल्य