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International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary
ISSN: 2583-7397
Open Access • Peer Reviewed
Impact Factor: 5.67

International Journal of Contemporary Research In Multidisciplinary, 2025;4(1):231-235

संतालो का विवाह संस्कार

Author Name: बसन्ती सोरेन;   प्रो. डॉ. त्रिवेणी नाथ साहू;  

1. शोधार्थी,जनजातीय विभाग रांची विश्वविद्यालय रांची,झारखंड, भारत

2. शोध निर्देशक, रांची विश्वविद्यालय, जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग, रांची, झारखंड, भारत

Paper Type: review paper
Article Information
Paper Received on: 2025-01-19
Paper Accepted on: 2025-02-21
Paper Published on: 2025-02-27
Abstract:


यह शोध-पत्र झारखंड की प्रमुख जनजाति 'लारकी' समुदाय के विवाह संस्कारों की परंपराओं, नियमों एवं सांस्कृतिक मूल्यों का गहन विश्लेषण प्रस्तुत करता है। लारकी समाज की विवाह पद्धति अन्य जातीय समूहों से भिन्न है, जो उनकी सांस्कृतिक अस्मिता, सामाजिक संरचना और धार्मिक आस्थाओं का जीवंत उदाहरण है। विवाह को केवल सामाजिक संस्था ही नहीं, अपितु धार्मिक कर्तव्य और सांस्कृतिक उत्तराधिकार के रूप में देखा जाता है। इस अध्ययन में विवाह की विविध विधियाँ जैसे डोक्सेत, दूल्हा मांगना, घर ले जाना, ठेठ विवाह, और तलाक आदि का विस्तृत विवेचन किया गया है। साथ ही यह भी देखा गया है कि आधुनिकता एवं सामाजिक परिवर्तन किस प्रकार पारंपरिक विवाह पद्धतियों को प्रभावित कर रहे हैं।
 

Keywords:

लारकी समाज, विवाह संस्कार, जनजातीय संस्कृति, डोक्सेत विवाह, समाजशास्त्र, पारंपरिक विवाह पद्धति, स्त्री भूमिका, आधुनिक प्रभाव, तलाक, पुनर्विवाह।

How to Cite this Article:

बसन्ती सोरेन,प्रो. डॉ. त्रिवेणी नाथ साहू. संतालो का विवाह संस्कार. International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary. 2025: 4(1):231-235


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