International Journal of Contemporary Research In Multidisciplinary, 2025;4(3):572-577
प्राचीनकाल से स्वतंत्रता पूर्व भारतीय पुलिस व्यवस्था
Author Name: डॉ.यशवंतराज;
Paper Type: review paper
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Abstract:
यह शोध लेख भारत में प्राचीन काल से मुगल काल तक की पुलिस व्यवस्था के ऐतिहासिक विकास का विश्लेषण करता है। वैदिक काल में समाज में अपराधों की उपस्थिति एवं राज्य द्वारा शांति व्यवस्था बनाए रखने के प्रयासों का उल्लेख मिलता है। कौटिल्य के अर्थशास्त्र से लेकर मौर्य, गुप्त, हर्षकाल, सल्तनत एवं मुगल काल तक पुलिस व्यवस्था विभिन्न रूपों में विद्यमान रही। मध्यकाल में कोतवाल, शिकदार, फौजदार, थानेदार जैसे पदों के माध्यम से नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था चलाई जाती थी। मुगल शासन के दौरान प्रशासनिक प्रणाली अधिक संगठित हुई और पुलिस व्यवस्था को औपचारिक रूप दिया गया। मुगल शासन की यह व्यवस्था औपनिवेशिक काल में भी अंग्रेजों द्वारा आंशिक रूप से अपनाई गई। इस अध्ययन का उद्देश्य प्राचीन भारतीय परिप्रेक्ष्य से लेकर औपनिवेशिक काल तक पुलिस व्यवस्था की ऐतिहासिक निरंतरता एवं परिवर्तन को समझना है।
Keywords:
राजपूताना, अर्थशास्त्र, रक्षिण, पुलिंसिंग, कोतवाल, थाने, चोकियां, फौजदार, कोतवाल, पौर, पुन्निस तारीख-ए-हिन्द, कोतवाल, शिकदार काजी, थानेदार फरें-इजीदी, वजीर, सूबेदार, सूबा, सरकार, फौजदार, सावन्ध निगार, कुफला नवीस।
How to Cite this Article:
डॉ.यशवंतराज. प्राचीनकाल से स्वतंत्रता पूर्व भारतीय पुलिस व्यवस्था. International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary. 2025: 4(3):572-577
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