International Journal of Contemporary Research In Multidisciplinary, 2025;4(3):332-337
भारत में महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा
Author Name: Jyoti Songara; Dr. Richa Shrivastava; Dr. Niti Nipuna; Dr. Vishal Sharma;
Paper Type: review paper
Article Information
Abstract:
दुनिया के हर समाज में महिलाओं के ऊपर घरेलू हिंसा होता रहा है। घरेलू हिंसा में घर में रहने वाले लोग ही महिला के ऊपर अनेक प्रकार में हिंसा करते है। महिलाओं के ऊपर केवल शारीरिक शोषण ही हिंसा नहीं है बल्कि भावनात्मक शोषण, मनोवैज्ञानिक दुव्यवहार या वेचतिता, आर्थिक शोषण, गाली-गलौज, ताना मारना आदि शामिल है। अर्थात् चारदीवारी के भीतर होने वाली हर हिंसा घरेलू हिंसा की श्रेणी में आती है। दो लोगों के बीच जब प्यार, सम्मान और महानुभूति की भावना समाप्त होकर नफरत और कुरता में तब्दील हो जाती है तो वो परेलू हिंसा बन जाती है। घरेलू हिंसा न केवल विकासशील या अल्प विकनित देशों की समस्या है बल्कि यह विकनित देशों में भी बहुत प्रचनिन है। ये शारीरिक, मेक्शुअल और व्यवहारिक तीनों ही तरह की हो सकती है।
Keywords:
हिंसा, घरेलू, शारीरिक, भावना, समस्या, पीडित, महिला
How to Cite this Article:
Jyoti Songara,Dr. Richa Shrivastava,Dr. Niti Nipuna,Dr. Vishal Sharma. भारत में महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा. International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary. 2025: 4(3):332-337
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