International Journal of Contemporary Research In Multidisciplinary, 2025;4(3):188-190
भारत में लोक प्रशासन: शोध के रुझान और पहल
Author Name: रणवीर सिंह अरोरा; डॉ. शालू देवी;
Paper Type: review paper
Article Information
Abstract:
भारत में लोक प्रशासन: शोध के रुझान और पहल रणवीर सिंह अरोरा लोक प्रशासन विभाग आईईसी विश्वविद्यालय हिमाचल, सारांश भारत में लोक प्रशासन का अध्ययन पश्चिमी दृष्टिकोण से काफी अलग है। यह हमारे लोकतंत्र के विभिन्न हितधारकों के अंतर्संबंधों पर निर्भर करता है और इसलिए अपनाई जाने वाली शोध तकनीकें सैद्धांतिक के बजाय प्रासंगिक और वास्तविक समय की होनी चाहिए। इस अनुशासन में सक्रिय शोध में लगे विद्वानों की कमी है और विषय के सार को समझने में भी कमी है। शोध पद्धतियाँ अत्यधिक गतिशील और विविध हैं, लेकिन शोधकर्ताओं को संस्थागत समर्थन की कमी का सामना करना पड़ता है और इससे विषय के विकास में बाधा आती है। सर्वेक्षण शोध पद्धतियाँ सबसे अधिक स्वीकार्य हैं, लेकिन बाहरी प्रभावों से बचने के बाद। इस क्षेत्र में अंतःविषय अनुसंधान की गुंजाइश है जो समझ के दायरे को व्यापक बनाएगी। आधुनिक तकनीक पर आधारित नई शोध तकनीकें उभर रही हैं जो वर्तमान जटिल परिदृश्य को संभालने में सक्षम हैं। इसलिए समय की मांग है कि ज्ञान की हमारी मौलिक समझ के आधार पर पाठ्यक्रम को पुनर्गठित किया जाए ताकि इसे वास्तविक जीवन की स्थितियों में लागू किया जा सके।
Keywords:
साझा मंच, बाहरी प्रभाव, सरकारी वित्तपोषण, नियोजित शोध, वास्तविक जीवन की स्थिति, सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक चरित्र, सर्वेक्षण पद्धति।
How to Cite this Article:
रणवीर सिंह अरोरा,डॉ. शालू देवी. भारत में लोक प्रशासन: शोध के रुझान और पहल. International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary. 2025: 4(3):188-190
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