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International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary

International Journal of Contemporary Research In Multidisciplinary, 2024;3(5):148-150

वैदिक शिक्षा प्रणाली

Author Name: डॉ. फ़ातमा खान;  

1. शोधार्थी, विक्रम विश्‍वविद्यालय, उज्जैन, मध्य प्रदेश, भारत

Paper Type: review paper
Article Information
Paper Received on: 2024-06-15
Paper Accepted on: 2024-07-20
Paper Published on: 2024-10-02
Abstract:

प्राचीन भारतीय शिक्षा का उद्गम वेदो से ही माना जाता है।वेद का अर्थ ही ज्ञान होता है। यह भारतीय विचारधारा, संस्कृति और दर्शन के घोतक है। वैदिक संस्कृत साहित्य  मानव जीवन के लिए स्वतःही एक विधान है। वे वेद मनुष्य के पुरुषार्था के निर्धारित ब्रह्मचर, गृहस्थ, वानप्रस्थ और सन्यास चार अवस्थाओ के लिए कर्तव्य तथा मोक्ष के मार्ग निर्देशित करते है। इन्ही चारो अवस्थाओ में अपने कर्तव्यो का समुचित पालन करते हुए मनुष्य अपने चरम लक्ष्य की प्राप्ति में सफल हो सकता है।यही सफलता उसके सर्वांगीर्ण विकास की चरम परिमिती है। वैदिक शिक्षा प्रणाली वेदो पर आधारित शिक्षा है इस कारण इसे वैदिक शिक्षा प्रणाली कहा गया।वैदिक शिक्षा प्रणाली की मुख्य विशेषता गुरुकुल शिक्षा प्रणाली है।

Keywords:

वैदिक, मोक्ष, शिक्षा प्रणाली, गुरुकुल, उपनयन, ब्रह्मचर्य, श्रमण, भिक्षाटन, समावर्तन।

How to Cite this Article:

डॉ. फ़ातमा खान. वैदिक शिक्षा प्रणाली. International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary. 2024: 3(5):148-150


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