International Journal of Contemporary Research In Multidisciplinary, 2024;3(5):144-147
महानरेगा, रोजगार एवं ग्रामीण विकास की दिशा: भींडर पंचायत समिति (उदयपुर) का आनुभविक अध्ययन
Author Name: कविता अहीर;
Paper Type: review paper
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Abstract:
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2005 से राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम का प्रादुर्भाव हुआ। वर्ष 2008 से "महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम" के रूप में पूरे देश में संचालित किया जा रहा है इसका संक्षिप्त नाम 'महानरेगा' है। महानरेगा कार्यक्रम भारत का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम माना जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत जरूरतमंद परिवार को एक वित्त वर्ष में 100 दिन के रोजगार की गारंटी प्रदान करना है और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थाई परिसंपत्तियों के सृजन को बढ़ावा देना है। कृषि में व्याप्त मौसमी बेरोजगारी और प्रच्छन बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए महानरेगा योजना समाज के गरीब, कमजोर, जरूरतमंद तबके के लिए चलाई जा रही है। ग्रामीण पलायन की समस्या को रोकना भी इसका प्रमुख उद्देश्य है। प्रस्तुत शोध पत्र इन्हीं बातों को रेखांकित करते हुए उदयपुर जिले की भींडर पंचायत समिति का आनुभविक अध्ययन प्रस्तुत करता है। यह शोध पत्र द्वितीयक स्रोतों के साथ-साथ प्राथमिक स्रोतों पर आधारित है।
Keywords:
महानरेगा, रोजगार, ग्रामीण विकास, भींडर, सतत विकास।
How to Cite this Article:
कविता अहीर. महानरेगा, रोजगार एवं ग्रामीण विकास की दिशा: भींडर पंचायत समिति (उदयपुर) का आनुभविक अध्ययन. International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary. 2024: 3(5):144-147
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