International Journal of Contemporary Research In Multidisciplinary, 2024;3(2):127-130

राष्ट्रवाद का उदय तथा वैश्वीकरण: एक समीक्षात्मक अध्ययन

Author Name: डॉ. नरेंद्र सीमतवाल, , महेन्द्र कुमार वर्मा

Paper Type: review paper
Article Information
Paper Received on: 2024-03-01
Paper Accepted on: 2024-03-30
Paper Published on: 2024-04-02
Abstract:

यह शोध पत्र राष्ट्रवाद और वैश्वीकरण के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण अध्ययन प्रस्तुत करता है। राष्ट्रवाद के उदय और विकास के संदर्भ में इसने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रभावों का विश्लेषण किया है। साथ ही, वैश्वीकरण की प्रक्रिया और इसके प्रमुख कारकों को भी ध्यान में रखते हुए, इसने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, संचार, तकनीकी उत्पादन, और सांस्कृतिक विनिमय के प्रभावों का विश्लेषण किया है । इस अध्ययन में, राष्ट्रवाद और वैश्वीकरण के संबंध में उठने वाली चुनौतियों और नई संभावनाओं पर भी विचार किया गया है। यह शोध पत्र राष्ट्रवाद और वैश्वीकरण के महत्वपूर्ण मामलों को समझने और उनका समाधान करने के लिए नई दिशाओं का रास्ता दिखाता है ।

शोध पत्र मुखतः राष्ट्रवाद पर केन्द्रित है जो इतने कम समय में ही राष्ट्रवाद उतना मजबूत और सार्वभौमिक रूप से स्वीकार किया जाने वाला सिद्धान्त बन गया । राष्ट्रवाद और आधुनिक समय में क्या जुडाव है । राजनीतिक समुदाय हमेशा राष्ट्र-राज्य के रूप में संगठित नहीं थे ।

Keywords:

स्वतंत्रता, गणराज्य, राष्ट्रीयता, राष्ट्रीय एकता, साम्राज्यवाद विरोधी, राष्ट्रनिर्माण, स्वाधीनता, स्वतंत्रता, राष्ट्रीय आत्मविश्वास, विश्व, ग्लोबलाइजेशन, सांस्कृतिक विनिमय, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, विदेशी नीति, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, विदेशी निवेश, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, ग्लोबल इकोनॉमी, सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य, विश्वासीकरण ।

How to Cite this Article:

डॉ. नरेंद्र सीमतवाल, , महेन्द्र कुमार वर्मा. राष्ट्रवाद का उदय तथा वैश्वीकरण: एक समीक्षात्मक अध्ययन. International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary. 2024: 3(2):127-130


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