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International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary

International Journal of Contemporary Research In Multidisciplinary, 2025;4(2):362-366

कार्य स्थल (विद्यालयों) पर बालिकाओं में लैंगिक (जेण्डर) उत्पीड़न का एक अनुभवात्मक अनुसन्धान

Author Name: विजय कुमार सारस्वत;   डॉ. साहब राम;  

1. शिक्षा संकाय, आईएएसई (मानित विश्वविद्यालय), सरदारशहर, चूरू, राजस्थान, भारत

2. शोध निर्देशक, आईएएसई (मानित विश्वविद्यालय), सरदारशहर, चूरू, राजस्थान, भारत

Abstract

बालिकाओं, किशोरियों तथा महिलाओं के प्रति उत्पीड़न के आये दिन अनेकों उदाहरण देखने एवं पढ़ने को मिलते हैं। लैंगिक हिसा, अन्याय, भेद-भाव, शोषण सभी समाजों में अलग-अलग अनुपाातों में, परन्तु विद्यमान अवश्य है, वर्ष 1995 से भारत में नारी प्रताड़ना एव ंदहेज मृत्यु की संख्या में वृद्धि हुई एवं इससे सम्बन्धित अपराधों में भारत सबसे ऊपर है। प्रस्तुत शोध का मुख्य उद्देश्य: विधालयो (कार्यस्थल) में बालिकाओं के साथ लैंगिक आधार पर शारीरिक, सांवेगिक, सामाजिक तथा यौन उत्पीड़न का अध्ययन करना था। इसी के आधार पर सकारात्मक परिकल्पना: विधालयो (कार्यस्थल) में बालिकाओं के साथ लैंगिक आधार पर शारीरिक, सांवेगिक, सामाजिक तथा यौन उत्पीड़न पाया जाता हैं का निर्माण किया गया। जिसके परीक्षण हेतु के लिए सर्वेक्षण किया जो संरचित साक्षात्कार प्रश्नावली व अभिभावकों के साथ सामूहिक चर्चा द्वारा पूर्ण किया है। शोधकर्ता द्वारा आकड़ांे के संकलन के ग्रामीण क्षेत्र की अध्ययनरत बालिकाओं से कार्यस्थल (विद्यालय) पर होने वाले उत्पीड़न के सम्बन्ध में विचार/मत प्राप्त करने के लिए गुप्त पेटिकाओं का उपयोग किया। कार्यस्थल (विद्यालय) पर होने वाले उत्पीड़न के सम्बन्ध में मत/अनुभव प्राप्त करने के हेतु दस-दस दिवसीय दो शिवरों का आयोजन महिलाओं के उपचारात्मक एवं संरक्षणात्मक अधिकारों की जानकारी/जागरुकता के लिए किया गया और इन शिविरों में ग्रामीणों क्षेत्र में अध्ययनरत बालिकाओं को अपने मत कार्यस्थल (विद्यालय) पर होने वाले उत्पीड़न के सम्बन्ध में प्रकट करने हेतु संकेतक एवं गुप्त माध्यम से व्यक्त करने के लिए प्रशिक्षित किया गया। चूरू जिले के सुदूर सुविधावंचित गावों के विद्यालयों में 1. राजकीय उच्च मा. विद्यालय खेरू बड़ी तथा 2. राजकीय उच्च मा. विद्यालय रामपुरा बेरी की उच्च प्राथमिक एवं माध्यमिक कक्षाओं के बालिकाओं को शिविर में शामिल किया। जिसमें कुल 143 बालिकाओं का आयु वर्ग प्रथम वर्ग 9 से 12 वर्ष, द्वितीय वर्ग 12 से 15 वर्ष, तृतीय वर्ग 16 से 18 वर्ष की बालिकाओं ने भाग लिया। आकड़ों के संकलन हेतु लैंगिक उत्पीड़न से सम्बन्धित अर्द्धसंरचित साक्षात्कार प्रश्नावली एवं समूह चर्चा का प्रयोग शोधकत्र्ता द्वारा किया गया। शोध के निष्कर्ष में पाया कि विभिन्न कक्षाओ की बालिकाओं ने विधालयो (कार्यस्थल) में बालिकाओं के साथ लैंगिक आधार पर शारीरिक, सांवेगिक, सामाजिक तथा यौन उत्पीड़न के किसी भी प्रकार को स्वीकार नही किया गया है। 

Keywords

लैंगिक उत्पीड़न, कार्यस्थल (विद्यालय) और सामाजिक डत्पीड़न