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International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary
ISSN: 2583-7397
Open Access • Peer Reviewed
Impact Factor: 5.67

International Journal of Contemporary Research In Multidisciplinary, 2025;4(3):275-280

संस्थापन कला में स्थान का महत्व: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन

Author Name: राजेन्द्र प्रसाद मीना;  

1. शोधार्थी, दृश्य कला विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर, राजस्थान

Abstract

संस्थापन कला (Installation Art) समकालीन कला का एक महत्वपूर्ण रूप है, जिसमें कलाकार किसी विशिष्ट स्थान को अपनी रचनात्मकता से नया अर्थ प्रदान करते हैं। इस कला में "Space" (स्थान) केवल एक भौतिक तत्व नहीं होता, बल्कि यह कला के अनुभव, संदर्भ और दर्शकों की सहभागिता को भी प्रभावित करता है। स्थान केवल एक पृष्ठभूमि नहीं है, बल्कि यह स्वयं कला का एक अभिन्न अंग बन जाता है, जो कलाकृति के अर्थ और प्रभाव को निर्धारित करता है।

            संस्थापन कला में स्थान के कई प्रकार होते हैं। भौतिक स्थान वह वास्तविक स्थान होता है जहां कला स्थापित की जाती है, जैसे कि आर्ट गैलरी, संग्रहालय, सार्वजनिक स्थल, या कोई ऐतिहासिक स्थल। आभासी स्थान डिजिटल तकनीक, वर्चुअल रियलिटी (VR) और प्रोजेक्शन मैपिंग के माध्यम से निर्मित होता है, जिससे कलाकार एक नई डिजिटल वास्तविकता प्रस्तुत करते हैं। सामाजिक और सांस्कृतिक स्थान उन संदर्भों को इंगित करता है, जहां कला किसी सामाजिक, राजनीतिक या सांस्कृतिक विषय से जुड़ती है। मनोवैज्ञानिक स्थान दर्शकों की भावना, सोच और अनुभव से संबंधित होता है, जो कला संस्थापन को देखने और उसके साथ संवाद करने के दौरान उत्पन्न होता है।

            संस्थापन कला में "स्थान/Space" का मुख्य उद्देश्य दर्शकों को केवल देखने तक सीमित न रखते हुए उनके अनुभव को सक्रिय रूप से शामिल करना है। यह स्थान कला को केवल एक ऑब्जेक्ट नहीं, बल्कि एक संवेदनशील और सहभागितापूर्ण अनुभव में बदल देता है। प्रकाश, ध्वनि, वस्तुएं, परफॉर्मेंस और वातावरण जैसे तत्व मिलकर इस स्थान को जीवंत बनाते हैं। कलाकार स्थान के साथ प्रयोग करते हैं, ताकि दर्शकों की भागीदारी बढ़ सके और वे कला के साथ संवाद कर सकें।

            कई प्रमुख कलाकारों ने अपने कार्यों में स्थान के महत्व को दर्शाया है। अनीश कपूर ने अपनी प्रतिष्ठित कृति "क्लाउड गेट" में स्थान और प्रतिबिंब का प्रभावशाली उपयोग किया है। ओलाफुर एलियासन ने अपनी कृति "द वेदर प्रोजेक्ट" में प्रकाश और वातावरण के माध्यम से एक नया अनुभव निर्मित किया। मरिना अब्रामोविच की परफॉर्मेंस आर्ट में स्थान और दर्शकों की सहभागिता महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

            अंततः, संस्थापन कला में "स्थान/Space" केवल एक निष्क्रिय तत्व नहीं है, बल्कि यह कला का मूलभूत अंग बन जाता है, जो कलाकृति और दर्शकों के बीच एक गहरा संबंध स्थापित करता है। यह स्थान भौतिक भी हो सकता है और वैचारिक भी, लेकिन इसका प्रभाव कला की समग्रता को प्रभावित करता है। स्थान के सही उपयोग से कलाकार अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति को और अधिक प्रभावशाली बना सकते हैं, जिससे दर्शकों को एक अद्वितीय और संवेदनशील अनुभव प्राप्त होता है।

Keywords

संस्थापन कला, स्थान, अनुभव, सहभागिता, भौतिक स्थान, आभासी स्थान, मनोवैज्ञानिक स्थान, संदर्भ, प्रकाश, संवेदी अनुभव, ध्वनि, स्पर्श, गंध।