International Journal of Contemporary Research In Multidisciplinary, 2025;4(2):01-04
हिंदी नाटक में नारीवादी दृष्टिकोण: विश्लेषणात्मक विधि के माध्यम से एक अध्ययन
Author Name: Nitin Shirale;
Abstract
यह शोधपत्र हिंदी नाटकों में नारीवादी दृष्टिकोण की विश्लेषणात्मक जांच करता है, जिसमें विविध कालखंडों में नारीवादी विचारों की प्रस्तुति और उनके सामाजिक प्रभावों का अध्ययन शामिल है। शोध में नाटकों के चयनित पाठ्यक्रम और विश्लेषणात्मक विधियों के माध्यम से, लेखकों की धारणाओं और समाज में महिलाओं के प्रति उनके दृष्टिकोण को समझा गया है। विशेष रूप से, नारीवादी दृष्टिकोण के संदर्भ में नाटकों की कथा, पात्र, और समाज के बीच संबंधों का विश्लेषण किया गया है। इस अध्ययन ने यह भी दिखाया है कि कैसे नाटकों में नारीवादी दृष्टिकोण ने महिलाओं के समाज में स्थान को पुनः परिभाषित किया है और उनके अधिकारों के लिए संघर्ष को उजागर किया है। शोध के परिणाम समाज में महिलाओं के स्थान की बेहतर समझ प्रदान करते हैं और नाटकों के माध्यम से सामाजिक जागरूकता में योगदान देने की क्षमता को दर्शाते हैं। इस प्रकार, यह शोध नारीवादी विमर्श में एक महत्वपूर्ण योगदान है, जिसे भारतीय साहित्यिक परंपरा में गहराई से समझने की आवश्यकता है।
Keywords
हिंदी नाटक, नारीवादी दृष्टिकोण, साहित्यिक विश्लेषण, सामाजिक जागरूकता, महिला अधिकार, सांस्कृतिक अध्ययन